बॉलीवुड ने क्यों खो दी अपनी ऑड‍ियंस? साउथ की बंपर कमाई कैसे हो रही? ऑस्कर विनर रेसुल पुकुट्टी ने बताया – Bollywood panicked during pandemic film sound designer Resul Pookutty explains why South cinema is doing better than Hindi tmovx


2021 में लॉकडाउन खत्म हुआ था, लेकिन बॉलीवुड का लॉकडाउन अब तक जारी है. 2021 से ही बॉलीवुड को साउथ सिनमा से कड़ी टक्कर मिल रही है. बॉलीवुड ने अपने सफर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. लेकिन साल 2024 इसके लिए काफी ज्यादा खराब रहा. यहां तक की बॉलीवुड की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म स्त्री 2 ने लगभग 600 करोड़ रुपये कमाए. जबकि पुष्पा 2 ने सिर्फ हिंदी वर्जन में ही 800 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की.

ऐसा क्यों हो रहा है, इस पर ऑस्कर विजेता साउंड डिजाइनर रेसुल पुकुट्टी ने बात की है. उनका कहना है कि हिंदी सिनेमा ने पेनडेमिक के बाद अपने लिए कोई खास मॉडल तैयार नहीं किया. जिसके कारण यह लगातार साउथ फिल्म इंडस्ट्री से पीछे होते गई.

बॉलीवुड पेंडेमिक से घबरा गया? 

जूम के साथ बातचीत में, रेसुल ने कहा कि बॉलीवुड पेनडेमिक से घबरा गया. इसी घबराहट में फिल्म को थिएटर में रिलीज करने के बजाय OTT प्लेटफॉर्म पर बेचना शुरू कर दिया. जिसका परिणाम यह हुआ कि आज बॉलीवुड स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म पर काफी ज्यादा निर्भर है. जबकि साउथ इंडस्ट्री के साथ ऐसा नहीं है. जब कोरोना आया तो साउथ फिल्म इंडस्ट्री घबराई नहीं. बल्कि सही समय का इंतजार किया.

इसका परिणाम यह हुआ कि बॉलीवुड दो प्लेटफॉर्म तक ही सीमित रह गया. अगर दोनों प्लेटफॉर्म फिल्म नहीं लेना चाहेंगे तो फिल्म नहीं बनेगी. वहीं साउथ सिनेम ने प्लेटफॉर्म्स पर अपनी फिल्म बेचने से इनकार कर दिया था. उन्होंने सही समय का इंतजार किया और फिल्म को थिएटर में रिलीज किया.

ऑडियंस को है अच्छी फिल्म का इंतजार

रेसुल पुष्पा 1 मूवी के बारे में बात करते हुए कहते हैं, यह थिएटर में तब रिलीज हुई थी जब 100% ऑक्यूपेंसी की इजाजत नहीं थी. इसके बावजूद, पुष्पा ने हिंदी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की थी. जबकि, बाकी की हिंदी फिल्म ने कुछ खास नहीं कमाया. पुष्पा थिएटर में तब रिलीज हुई जब केवल 40% ऑक्यूपेंसी थी. तब भी यह हिंदी क्षेत्रों में 120 करोड़ रु. की कमाई की. यहां तक की OTT पर फिल्म के रिलीज होने के बाद भी लोग इसे थिएटर में देखने जाते थे. लोग इसे सिनेमाघरों में देखना पसंद कर रहे थे.

रेसुल ने जोर देकर कहा कि इसमें ऑडियंस की कोई गलती नहीं हैं. यह तो हिंदी फिल्म इंडस्ट्री है जो अपने ऑडियंस को अच्छी फिल्में नहीं दे पा रही है. अगर अच्छी फिल्म होगी तो ऑडियंस सिनेमाघरों में आएंगे. 

कभी ऑडियंस को थिएटर से दूर नहीं जाने दिया

रेसुल ने इसके अलावा साउथ फिल्म इंडस्ट्री के बारे में भी बात की. उन्होंने बताया कि कैसे पेनडेमिक के दौरान साउथ फिल्म इंडस्ट्री ने अपना धैर्य बनाए रखा और ऑडियंस की तरफ से उन्हें अवॉर्ड भी मिला. वह कहते हैं कि पेनडेमिक के दौरान साउथ फिल्म इंडस्ट्री एक साथ रही और उन्होंने थिएटर में फिल्म को रिलीज किया. साउथ इंडस्ट्री ने कभी अपनी ऑडियंस को थिएटर से दूर नहीं जाने दिया. जबकि हिंदी सिनेमा उस हालात में घबरा कर फिल्म को सिर्फ बेचना चाहा.  



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