दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन और शिफा उर रहमान गुरुवार को विधानसभा चुनाव के लिए अपना पर्चा भरेंगे. बीते दिनों दिल्ली हाईकोर्ट ने दोनों को सशर्त नॉमिनेशन फाइल करने के लिए कस्टडी पैरोल दी है.
ताहिर हुसैन को असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने दिल्ली की मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से टिकट दिया है. जबकि शिफा उर रहमान को ओवैसी ने ओखला से टिकट दिया है. दोनों नेता दिल्ली दंगों के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद हैं. दोनों नेताओं को बीते दिनों सशर्त नॉमिनेशन के लिए कोर्ट ने कस्टडी पैरोल दी है.
आम आदमी पार्टी (AAP) के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता के खिलाफ आरोपों की गंभीरता यह है कि वह साल 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में हुए दंगों का मुख्य आरोपी है. इस दंगे में लगभग 59 लोगों की मौत हुई थी, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. सिर्फ इसलिए कि याचिकाकर्ता पहले पार्षद रह चुके हैं, उस आधार पर अंतरिम जमानत देने का अधिकार नहीं दिया जा सकता.
HC ने दी नामांकन के लिए पैरोल
हालांकि, कोर्ट ने ताहिर और शिफा को नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए कस्टडी से पैरोल दी है. हाईकोर्ट ने पैरोल के लिए शर्तें तय की हैं. हाईकोर्ट ने नामांकन के दौरान ताहिर हुसैन के सार्वजनिक भाषण देने या मीडिया के सामने बयानबाजी करने पर रोक लगी है और उन्हें फोन, मोबाइल या लैंडलाइन या इंटरनेट के इस्तेमाल की भी इजाजत नहीं होगी. इसके अलावा वह नामांकन प्रक्रिया से संबंधित अधिकारियों को छोड़कर किसी भी अन्य व्यक्ति के साथ बातचीत नहीं करेंगे.
दिल्ली दंगों के आरोपी हैं दोनों नेता
बता दें कि ताहिर हुसैन दिल्ली दंगों के मामले में जेल में हैं. इसके अलावा एक और आरोपी शिफा उर रहमान को भी AIMIM ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में ओखला विधानसभा से टिकट दिया है. शिफा उर रहमान दिल्ली दंगों के केस में तिहाड़ जेल में बंद हैं. उन पर UAPA का केस लगा हुआ है. शिफा उर रहमान जामिया एलुमनाई के प्रेसिडेंट थे.