राजधानी दिल्ली में वोटिंग 5 फरवरी को होगी. जबकि काउंटिंग 8 फरवरी को होगी. ऐसे में विधानसभा चुनाव के लिए लगभग सभी पार्टियों ने अपने प्रत्याशियों का चयन कर लिया है. वहीं, टिकट न दिए जाने से नाखुश नेता अब पार्टियों का विरोध कर रहे हैं. अपनी पार्टी का विरोध करने वालों में बीजेपी नेता मास्टर आजाद भी शामिल हो गए हैं.
पार्टी ने उन्हें मुंडका विधानसभा से टिकट नहीं दिया है. ऐसे में उन्होंने पार्टी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. वह अब बीजेपी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे. इस बात का फैसला महापंचायत द्वारा किया गया. जहां मुंडका इलाके की जनता के बीच मास्टर आजाद ने महापंचायत की और बीजेपी के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया.
यह भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव: प्रवेश वर्मा की बढ़ी मुश्किलें, जूते बांटने वाले मामले में FIR दर्ज करने का निर्देश
मास्टर आजाद ने बीजेपी के निर्णय पर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय सांसद ने मिलकर एक बाहरी निगम पार्षद को यह टिकट बेच दिया है. इसके लिए माननीय सांसद ने निगम पार्षद से मोटी रकम भी ली है. बीजेपी ने जिस व्यक्ति को टिकट दिया है, वह इलाके से निगम पार्षद हैं जो कि निर्दलीय लड़ने के बाद पार्टी में शामिल हुए थे.
बीजेपी से कई बार पार्षद रह चुके हैं मास्टर आजाद
मास्टर आजाद पंचायत में लोगों को संबोधित करते हुए कई बार भावुक भी हुए. उनका कहना है कि उनकी पूरी जिंदगी बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में बीत गई. लेकिन बीजेपी ने उनकी कोई कदर नहीं की. आपको बता दें कि मास्टर आजाद दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय साहब सिंह वर्मा के छोटे भाई हैं व पूर्व सांसद प्रवेश वर्मा के चाचा हैं.
यह भी पढ़ें: दिल्ली चुनाव: AAP ने दो सीटों पर बदले उम्मीदवार, नरेला से शरद चौहान तो हरिनगर से सुरिंदर सेतिया को टिकट
मास्टर आजाद स्वयं भी बीजेपी से कई बार पार्षद रहे हैं और दिल्ली के मेयर भी रह चुके हैं. हालांकि बीजेपी पार्टी ने मुंडका से जिसे अपना प्रत्याशी बनाया है, वह मौजूदा निगम पार्षद गजेंद्र दराल हैं. जिन्होंने टिकट न मिलने पर पार्टी से अलग होकर निगम पार्षदी का चुनाव लड़ा था और निर्दलीय जीत कर दोबारा पार्टी में शामिल हुए थे.
फिलहाल मास्टर आजाद के इस फैसले से बीजेपी प्रत्याशी के वोट कटने की संभावनाएं हैं. जिससे दूसरी पार्टियों को फायदा हो सकता है. ऐसे में मुंडका सीट पर कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है.