फैक्ट चेक: रायबरेली में कुंभ के बैनर पर पेशाब करने के आरोप में जिस युवक को पीटा गया वो मुसलमान नहीं है – Fact Check youth who was beaten for urinating on Kumbh banner in Rae Bareli is not a Muslim ntc


सोशल मीडिया पर एक वीडियो के साथ कहा जा रहा है कि यूपी के रायबरेली में एक मुस्लिम युवक महाकुंभ के बैनर पर पेशाब करते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद लोगों ने उसे दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. वीडियो में एक आदमी के साथ कुछ लोग अंधेरे में गाली-गलौज करते हुए मारपीट कर रहे हैं.

वीडियो के साथ यूजर्स कैप्शन में लिख रहे हैं, “रायबरेली के बछरावां में महाकुंभ के बैनर पर पेशाब करता हुआ मुस्लिम आतंकवादी को लोगों ने पकड़ लिया। फिर क्या उस इस्लामिक आतंकी को दौड़ा-दौड़ाकर खूब रेला. अब मुस्लिमों को महाकुम्भ के बैनर से भी दिक्कत है”.

फेसबुक और एक्स पर और भी कई लोग इस वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर कर चुके हैं. वायरल पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.

लेकिन आजतक फैक्ट चेक ने पाया कि ये घटना तो रायबरेली की ही है लेकिन जिस आदमी पर कुंभ के बैनर पर पेशाब करने का आरोप लगा है वो मुस्लिम नहीं, हिंदू है.

कैसे पता की सच्चाई?

वीडियो के बारे में सर्च करने पर हमें इससे संबंधित कुछ न्यूज रिपोर्ट्स मिलीं. इन खबरों में भी यही बताया गया है कि रायबरेली में कुंभ के बैनर पर पेशाब करने के आरोप में एक मुसलमान को पीटा गया.

लेकिन इस वीडियो की असल कहानी हमें रायबरेली पुलिस के एक्स हैंडल पर मिली. एक पोस्ट के जवाब में पुलिस ने बताया है कि मामला बछरावां थाना क्षेत्र का है और इसमें आरोपी का नाम विनोद है. पुलिस के मुताबिक, 10 जनवरी की रात को युवक अत्यंत नशे की हालत में एक दीवार के पास बैठा था. दीवार से 3-4 फीट दूरी पर वो पेशाब करने लगा. ये देखकर कुछ लोग उसे गैर समुदाय का बताकर पीटने लगे. उसको पहचानने वालों ने उसे बचाकर वहां से भगा दिया.

आगे रायबरेली पुलिस ने लिखा है कि विनोद एक फेरीवाला है और कन्नौज का रहने वाला है. वो नशे की हालत में कुंभ बैनर से अंजान होकर दीवार के पास पेशाब कर रहा था. साथ ही, आखिर में पुलिस ने स्पष्ट तौर पर बताया है कि युवक को गैर समुदाय का बताया जाना झूठ और निराधार है.

इस बार में हमने बछरावां थाने के प्रभारी निरीक्षक ओपी तिवारी से भी बात की. उन्होंने भी हमें यही बताया कि आरोपी युवक हिंदू है. साथ ही उन्होंने हमें मामले से जुड़ी एक प्रेस रिलीज भी भेजी जिसमें युवक का दूसरा नाम दिनेश और पिता का नाम भारत लिखा है. पुलिस ने आरोपी को बाद में गिरफ्तार कर लिया था.

इस तरह ये स्पष्ट हो जाता है कि रायबरेली के इस वीडियो को फर्जी सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.



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