PM Awas Yojana News प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में हाल ही में सरकार ने महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिनकी जानकारी केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सत्र के दौरान विभिन्न राज्यों के ग्रामीण विकास मंत्रियों को दी। इस योजना के तहत अब कुछ नए नियम लागू किए गए हैं जिनसे पात्रता मानदंड में बदलाव हुआ है।
ऑटोमेटिक एक्सक्लूजन मानदंडों में ढील
पहले जिन परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) से बाहर किया जाता था, उनमें अब बदलाव किए गए हैं। नए नियमों के अनुसार, यदि परिवार के पास टू व्हीलर, मोटर से चलने वाली मछली पकड़ने वाली बोट, रेफ्रिजरेटर, लैंडलाइन फोन, या महीने में 15,000 रुपये तक की आय है, तो वे इस योजना के लाभ के लिए पात्र रहेंगे।
अयोग्यता के नए मानदंड
अब भी कुछ विशेष शर्तें लागू रहेंगी जिनके तहत परिवार इस योजना से बाहर होंगे। इनमें शामिल हैं:
– मोटर से चलने वाले तीन और चार पहियों वाले वाहन का मालिक होना।
– मशीन से चलने वाले कृषि उपकरण का मालिक होना।
– 50,000 रुपये या उससे अधिक की क्रेडिट सीमा वाले किसान क्रेडिट कार्ड का होना।
– किसी भी सदस्य का सरकारी कर्मचारी होना।
– आयकर चुकाने वाले परिवार का सदस्य होना।
– किसी गैर-कृषि उद्यम का सरकार के साथ पंजीकृत होना।
– प्रोफेशनल टैक्स का भुगतान करना।
– 2.5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि का मालिक होना।
भूमि संबंधी मानदंडों में संशोधन
योजना के तहत अब पक्की छत और पक्की दीवारों वाले घरों में रहने वाले परिवारों और दो से अधिक कमरों वाले घरों में रहने वाले परिवारों को पहले ही अयोग्य मान लिया गया है।
केंद्र सरकार ने 2028-29 तक ग्रामीण आवास योजना के तहत दो करोड़ अतिरिक्त घर बनाने का लक्ष्य रखा है। यह बदलाव इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो अधिक लोगों को इस योजना के लाभ प्राप्त करने का अवसर देगा और ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की स्थिति में सुधार करेगा।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के हालिया संशोधनों से योजना की पहुंच और प्रभावशीलता में सुधार होगा। नई शर्तों के तहत, अधिक परिवार अब इस योजना का लाभ उठा सकेंगे, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में आवास की स्थिति में सुधार होगा। मोटर से चलने वाले वाहन, कृषि उपकरण, और उच्च क्रेडिट लिमिट जैसे पूर्व के अयोग्यता मानदंडों में ढील दी गई है, जिससे अधिक परिवार योजना के लाभ के लिए पात्र हो सकेंगे। सरकार का 2028-29 तक दो करोड़ अतिरिक्त घर बनाने का लक्ष्य इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो ग्रामीण आवास की समृद्धि और समावेशन को बढ़ावा देगा।